Friday, 10 June 2016

कक्षा तीन की नई पुस्तक के, खेलों वाले पाठ से लड़कियां बाहर कर दी गई हैं.......

हम चाहते हैं कि हमारे पडौसी देशों से भी हमारे सम्बन्ध मजबूत हो | सभी यह मानते हैं कि खेल हमारे बीच प्रेम के भावों को  बढाते हैं | खेलों से सहयोग की भावना का विकास होता है | इन सिद्धांतों को ध्यान में रखकर, मोहल्लों,बस्तियों, विद्यालयों और देशों के खिलाड़ियों के लिए, खेलों का आयोजना किया जाता रहा है | पर राजस्थान की नई पाठ्यपुस्तकों में सिर्फ लडके ही खेल रहे हैं | खेल रहे लड़कों में ऐसे बच्चे भी गायब हैं जो ऐसे परिवारों से आते हैं जो कि हिन्दू धर्म को नहीं मानते किसी और धर्म को मानते हैं




 
क्या कहें इसको, पुस्तक लिखने वालों की लापरवाही या जेंडर असंवेदनशीलता ? क्योंकि तुलनात्मक अध्ययन के लिए चुनी गई तीनों पुस्तकों के पाठों का अध्ययन करने के बाद स्पष्ट रूप में दिखता है कि एन.सी..आर.टी.व एस.आई. ई.आर.टी.की पुरानी पुस्तकों में तो जेंडर संवेदनशीलता का ध्यान ही नहीं रखा गया है बल्कि यह कोशिश के गई है कि खेलों को लडके या लड़कयों के नाम से अलग-अलग ना बांटा जाएं | दोनों पुस्तकों के सभी चित्रों में बराबर की भागीदारी के साथ लडके और लड़कियां दोनों साथ खेल रहे हैं | जबकि नई पुस्तक के पाठ 3 के कुल चार चित्रों में से केवल एक चित्र में एक लड़की नजर आती हैं | और पाठ्य सामग्री में भी खेल रहे बच्चों में केवल एक लड़की का नाम आता है | शेष चारों चित्रों में केवल लडके ही खेल रहे हैं | जो भी प्रश्न पूछे गए हैं वो भी केवल लड़कों को ही मुखातिब हैं |
1.एन.सी.ई.आर.टी.की पुस्तक के पाठ 16 'खेल खेल में' के पहले ही चित्र में, सामान्यत: जो खेल लड़कियां खेलती है ( पेल-दूल ) उस खेल को दो लड़कियां व एक लड़का खेल रहे हैं | एक चाची इन्हें देख रही है | पाठ आगे बढ़ता है और चाची से रहा नहीं जाता | चाची भी बच्चों के साथ खेलती है | अचानक से बारिश हो जाती है तो चाची सभी को अपने घर में ले जाती है | वहां चाचा और भुआ शतरंज खेल रहे हैं | अब चाची के घर में सभी बच्चे अपने-अपने पसंद के खेल खेल रहे हैं | बहुत ही खूबसूरती से इस पाठ को बुना गया है | यह पाठ कई पुरानी परम्म्पराओं को तोड़ने का प्रयास करता है |
2. 2015-16 में राजस्थान के विद्यालयों में चल रही एस.आई..आर.टी.की पुस्तक के पाठ 7 'आलो खेलें खेल' में भी सभी चित्रों में लडके और लडकियां दोनों की भागीदारी नजर आ रही है | पाठ्य-सामग्री में यह भी समझ आता है कि केवल एक ही धर्म को मानने वाले परिवारों के बच्चे ही नहीं खेल रहे हैं |
3. इस वर्ष में चलने वाली ( शायद अब ना चल पाए ) एस.आई..आर.टी की नई पुस्तक के पाठ 3 'खेल खेल में' के चारों चित्रों में से केवल एक चित्र में एक लड़की की पीठ नजर आती है, शेष सभी लडके ही खेल रहे हैं | पाठ में जो बच्चे खेल रहे हैं उनके नाम हैं-रमेश,राम,थानाराम,ऋतु,भूपेश,कमलेश और बाबूलाल |   

- कमल 

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