नई पाठ्य-पुस्तकों में 'पर्यावरण अध्ययन' को सात घटकों में रखा गया है | पहला घटक है 'हमारा परिवेश एवं संस्कृति' इस घटक के आधार पर एन.सी.ई.आर.टी.की पुस्तकों में
कुल दस पाठ है | एस.आई.ई.आर.टी.की पुरानी पुस्तकों में छ: पाठ है व नई पुस्तकों में 8 पाठ हैं | आज इन सभी पाठों का
तुलनात्मक अध्ययन किया गया है | इन नई पुस्तकों को देखकर लगता है कि राजस्थान
के विद्यालयों में चलने वाला शिक्षण कर्म, एन.सी.एफ.2005 के सिद्धांतों के खिलाफ
फिर से पुरानी शिक्षण पद्दतियों की ओर लौट रहा है | जानकारियों को थोपने वाले जिन शिक्षण तरीकों
का पुरजोर विरोध किया गया था, यह नई पुस्तकें फिर से उन्ही तरीकों की ओर
लौटती है | जैसे कि:-
1.'हमारा परिवेश व संस्कृति' घटक के तहत एन.सी.ई.आर.टी.की कक्षा तीन की पुस्तक
में कुल 10 पाठ है | इन पाठों में 83 सुन्दर, स्पष्ट व आकर्षक चित्र हैं जो बच्चों को ज्ञान निर्माण में सपोर्ट करते हैं | 57 गतिविधियाँ हैं जो
बच्चों को अपने ज्ञान को परिष्कृत करने के लिए छोटी-छोटी चुनौतियां देती हैं |72 प्रश्न हैं जिनमें बच्चों को सोचने, रिफ्लेक्ट करने व कल्पना
करने के मौके मिलते हैं | लगभग सभी पाठ बच्चों से संवाद करते चलते हैं और बच्चों को ज्ञान निर्माण के
मौके उपलब्ध कराए जाते हैं |
2. इसी घटक के तहत, पिछले वर्ष चल रही कक्षा तीन की पुस्तक में कुल 6 पाठ है | इन पाठों में भी एन.सी.ई.आर.टी.की पुस्तकों जैसे तो
नहीं पर फिर भी ठीक-ठाक चित्र हैं जो बच्चों को आकर्षित करते हैं | 29 गतिविधियाँ दी गई हैं | इन गतिविधियों में बच्चों
को अन्वेषण करने व अवलोकन करने, आदि विश्लेषण कौशल को विकसित करने के मौके
बच्चों को मिलते हैं | 56 प्रश्न हैं जो बच्चों को रिफ्लेक्ट करने के मौके उपलब्ध कराते हैं |
3. एस.आई.ई.आर.टी.की सत्र 2016-17 के लिए बनाई गई कक्षा तीन की नई पाठ्य-पुस्तक के
आठ पाठों में कुल 45 ही चित्र हैं जिनमें 35 बहुत खराब गुणवत्ता वाले चित्र हैं | इन चित्रों को देखकर, बच्चों की पाठ में रूचि पैदा होने
के बदले, अरुचि होना अधिक संभव है | गतिविधियाँ सिर्फ 11 दी गई हैं | सवाल वैसे तो पर्याप्त
संख्या में हैं ( कुल 95 सवाल ) पर अधिकतर सवाल जानकारी वाले हैं जिन का उत्तर पाठ को याद करके दिया जा
सकता है | इन प्रश्नों में बच्चों के सोचने के मौके बहुत कम दिए गए हैं |
- कमल
- कमल
No comments:
Post a Comment